
रीवा: नववर्ष पर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के आवास में जुटी भीड़, सांसद जनार्दन मिश्रा से गुप्तगू मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल
रीवा जिले के अमहिया में नववर्ष के अवसर पर त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी “राज” के आवास पर आयोजित सुंदरकांड पाठ और स्नेह मिलन समारोह ने क्षेत्र में सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया। हजारों लोगों की उपस्थिति और जनप्रतिनिधियों की बड़ी भागीदारी ने इस आयोजन को चर्चा का केंद्र बना दिया। कार्यक्रम में पहुंचे रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच की घंटों चली गुप्तगू बातचीत ने राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू कर दिया। गौरतलब है कि सांसद ने विधायक सिद्धार्थ तिवारी पर कई बार तीखी टिप्पणी कर चुके थे। खासकर सांसद द्वारा स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी और उनके परिवार पर निशाना साधा जाना, इस मुलाकात को और अधिक रहस्यमय बना रहा है। कार्यक्रम के दौरान सांसद और विधायक ने एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा की नववर्ष हमें प्रेरणा और सबक देता है। हमें उम्मीद और साहस के साथ आगे बढ़ना चाहिए। एकजुट होकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी बदलाव ला सकते हैं। वहीं, सांसद जनार्दन मिश्रा ने इस अवसर पर कुछ खास बयान देने से परहेज किया, लेकिन उनके और विधायक तिवारी के बीच सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार ने राजनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या यह बीते विवादों पर विराम लगाने की शुरुआत है। इस आयोजन में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल, भाजपा जिला अध्यक्ष अजय सिंह, प्रदेश मंत्री राजेश पांडेय, और पूर्व महापौर ममता गुप्ता समेत कई प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने जहां नववर्ष का जश्न मनाया, वहीं सांसद और विधायक के बीच हुई बातचीत ने सियासी गलियारों में नई संभावनाओं के संकेत दे दिए हैं। क्या यह मुलाकात रिश्तों को सुधारने की दिशा में पहला कदम है, या इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति छिपी है? यह सवाल अब हर जुबान पर है। रीवा की राजनीति का यह अध्याय नया मोड़ लेता है या यथावत रहता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। परंतु इस आयोजन ने इतना जरूर स्पष्ट कर दिया कि रीवा की राजनीति में रिश्ते, रणनीति, और समीकरण अभी भी अनिश्चितता के घेरे में हैं।