
मऊगंज सउनि. पर गिरी गाज: जिला बदर अपराधी के खिलाफ कार्रवाई में घोर लापरवाही का खुलासा!
मऊगंज के थाना लौर में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ गए हैं। थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर और सहायक उप निरीक्षक फत्तेलाल प्रजापति को निलंबित कर दिया गया है, और इसके पीछे है एक गंभीर आरोप: आरोपी ईमान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई में घोर लापरवाही। गांव के एक फरियादी, विश्वनाथ गुप्ता, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी को आरोपी ईमान अंसारी ने बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया था। साथ ही, फरियादी ने आरोप लगाया कि आरोपी ने न केवल बेटी का शारीरिक शोषण किया, बल्कि उसे धर्म परिवर्तन के लिए भी मजबूर किया और जान से मारने की धमकी दी। हालांकि, यह मामला तब और भी संगीन हो गया जब पुलिस ने इस रिपोर्ट पर जल्द कार्रवाई नहीं की और अपराध दर्ज करने में भी विलंब किया। विशाल नाराजगी के बाद, फरियादी ने इस मामले की ओर ध्यान आकर्षित किया, और 17 जनवरी 2025 को जब फिर से आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया, तो इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः, मऊगंज पुलिस आधीक्षक ने इस गंभीर लापरवाही को ध्यान में रखते हुए थाना प्रभारी और सहायक उप निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अब वे मुख्यालय रक्षित केंद्र मऊगंज में रहेंगे और उनके कार्य की पुनः समीक्षा की जाएगी। निलंबन के बाद, इन अधिकारियों को जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह मामला सिर्फ लापरवाही तक सीमित रहेगा, या इसमें कुछ और गहरे राज छिपे हैं, जो धीरे-धीरे सामने आ सकते हैं? क्या पुलिस विभाग की कार्यशैली में यह लापरवाही केवल एक उदाहरण है, या फिर कहीं और भी ऐसी गड़बड़ी चल रही है? फिलहाल, यह मामला मऊगंज पुलिस के लिए एक बड़े सवाल का कारण बन चुका है और जनता की नजरें अब प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। क्या इस कड़ी में और भी सच्चाइयाँ सामने आएंगी? यह समय ही बताएगा