
सिविल लाइन थाने में हुई महिला की मौत: आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और चौंकाने वाले खुलासे
रीवा के सिविल लाइन थाना में पुलिस अभिरक्षा में एक महिला की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस विभाग में हलचल मच गई है। दो साल पुराने इस मामले में, आरोपी बने तीन पुलिसकर्मियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है, लेकिन सवाल अब भी बने हुए हैं क्या ये सिर्फ एक हादसा था या फिर यह एक साजिश का हिस्सा था?
घटना की शुरुआत तब हुई जब राजकली केवट जो सीधी जिले के मौरा गांव की निवासी थी, रीवा में खाना पकाने का काम करती थी। दो साल पहले,
उसकी मालकिन प्रतीक्षा सिंह ने चोरी के आरोप में राजकली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और उसे सिविल लाइन थाना ले आई। राजकली को थाने लाने के बाद, पुलिसकर्मियों ने उससे पूछताछ की,
लेकिन उसके बाद जो हुआ, वह सबको चौंका देने वाला था। अचानक, महिला की तबियत बिगड़ी और उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल से लौटने के बाद, मृतका के परिजनों ने जब सिविल लाइन थाना के बाहर जमकर हंगामा किया तो ये मामला पूरी तरह से सार्वजनिक हो गया।
परिजनों का आरोप है कि राजकली के शरीर पर चोट के कई निशान थे, जो यह साबित करते हैं कि उसकी मौत पुलिस की मारपीट के कारण हुई थी।
क्या पुलिसकर्मियों ने महिला से पूछताछ के दौरान उसे इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसकी जान चली गई? पुलिस के आला अधिकारी, ने शुरुआती बयान में कहा था कि महिला को चोरी के मामले में पूछताछ के लिए लाया गया था और
अचानक उसकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अब दो साल बाद जब न्यायिक जांच पूरी हुई, तो यह मामला एक नया मोड़ लेता हुआ सामने आया है। न केवल पुलिसकर्मी, बल्कि राजकली की मालकिन प्रतीक्षा सिंह को भी आरोपित किया गया है यह जानकारी सामने आई कि प्रतीक्षा सिंह ने राजकली से पूछताछ के दौरान उसके साथ मारपीट की थी।
इस मामले में प्रतीक्षा सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया, हालांकि उन्होंने अग्रिम जमानत ले ली।
अब, सिविल लाइन थाने में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों हेड कांस्टेबल विवेक सिंह, हेड कांस्टेबल कौशलेंद्र सिंह और आरक्षक खुशबू सिंह को आरोपी बनाया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब न्यायिक जांच जारी है,
और यह स्पष्ट होने में समय लगेगा कि क्या यह घटना एक दुर्घटना थी या फिर इसका कोई और भयावह सच सामने आएगा। अब सबकी नजरें इस जांच पर टिकी हुई हैं
कि क्या इन तीन पुलिसकर्मियों और प्रतीक्षा सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी,
या यह मामला यूं ही दबकर रह जाएगा।
न्यायालय में पेश होने के बाद इन सभी को जेल भेज दिया गया है। लेकिन क्या इन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी मामले का अंत है?