
नीतीश कुमार की पार्टी ने मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार मणिपुर में होने वाली हिंसा और जातीय संघर्षों को संभालने में पूरी तरह से विफल रही है। JDU ने यह भी कहा कि मणिपुर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और प्रशासनिक असफलताओं के कारण उनका समर्थन जारी रखना असंभव हो गया है।
JDU का यह कदम मणिपुर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। राज्य में पहले से ही जातीय हिंसा और अस्थिरता का माहौल बना हुआ था, और भाजपा सरकार को इस स्थिति पर नियंत्रण पाने में मुश्किल हो रही थी। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं का मानना है कि राज्य में भाजपा की शासन व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है, और ऐसे में गठबंधन में बने रहना कोई विकल्प नहीं था।
JDU का समर्थन वापस लेने से भाजपा के लिए मणिपुर में सरकार बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। भाजपा अब गठबंधन की नई रणनीति तैयार करने पर मजबूर हो सकती है, ताकि सरकार गिरने से बच सके। यह स्थिति राज्य की राजनीति में अस्थिरता को बढ़ा सकती है और अन्य सहयोगी पार्टियों से समर्थन जुटाने की आवश्यकता हो सकती है।
नीतीश कुमार का बयान
नीतीश कुमार ने मणिपुर में भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी राज्य में शासन व्यवस्था में नाकाम रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक मणिपुर की स्थिति में सुधार नहीं होगा, तब तक उनका समर्थन भाजपा सरकार को नहीं मिल सकता।
यह घटनाक्रम मणिपुर के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है और आने वाले दिनों में इसके और असर पड़ सकते हैं। JDU का यह कदम भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर जब राज्य में सरकार की स्थिरता को लेकर सवाल उठ रहे हैं