
मुख्यमंत्री मोहन यादव का दौरा, उज्जैन से रीवा तक, विकास और आस्था का अनोखा संगम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज उज्जैन और रीवा के दौरे पर जिसमें विकास, आस्था और जनभागीदारी का अद्भुत समागम देखने को मिला। उनके इस दौरे की शुरुआत भोपाल से प्रातः 10:30 बजे उज्जैन पहुंचने के साथ हुई। उज्जैन में उन्होंने केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर एक नई ऊर्जा का संचार किया। दोपहर मुख्यमंत्री ग्राम रत्नाखेड़ी पहुंचे, जहां उन्होंने कपिला गौशाला का अवलोकन किया। यह गौशाला न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का माध्यम है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आत्मनिर्भरता के मूल्यों का प्रतीक भी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ग्राम बामोरा में कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन टनल का निरीक्षण करने पहुंचे।
इस परियोजना को क्षेत्र में जल प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्राम बामोरा, रावनखेड़ी, और जवासिया में नवनिर्मित कुमार विद्युत उपकेंद्र का उद्घाटन किया। इन विद्युत उपकेंद्रों से ग्रामीण इलाकों में बिजली की उपलब्धता और आपूर्ति में सुधार होगा, जो क्षेत्र की प्रगति को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री ने दत्त अखाड़ा स्थित घाट पर शिप्रा नदी का पूजन कर आस्था और परंपरा का सम्मान किया। यह कार्यक्रम क्षेत्र की धार्मिक महत्ता को और अधिक समृद्ध करने वाला साबित हुआ।
उज्जैन में व्यस्त दिनचर्या के बाद मुख्यमंत्री सायं इंदौर से रीवा के लिए रवाना हुए। उन्होंने रीवा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहडोल जिले के उद्योगपतियों से चर्चा की। इस बैठक में क्षेत्र में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिए नई नीतियों पर विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री के इस दौरे ने जनमानस में उत्साह और आशा का संचार किया है। अब यह देखना रोमांचक होगा कि उनकी ये पहलें प्रदेश के विकास को किस ऊंचाई तक ले जाती हैं।