
गरीबों के लिए आसमान से उम्मीद: मध्यप्रदेश में एयर एंबुलेंस ने बदली ज़िंदगी की तस्वीर
मध्यप्रदेश में चिकित्सा सेवा का जो सपना लोग वर्षों से देखते आए थे, वह अब साकार हो रहा है।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के बयान ने यह साफ कर दिया कि प्रदेश में गरीब और जरूरतमंदों के लिए शुरू की गई एयर एंबुलेंस सेवा ने एक नई क्रांति का आगाज किया है। पहले, हवाई जहाज और एयरलिफ्ट जैसी सुविधाएं केवल बड़े और रसूखदार लोगों तक सीमित रहती थीं। लेकिन अब, यही सेवा एक साधारण गरीब व्यक्ति की ज़िंदगी बचाने के लिए उड़ान भर रही है। रीवा जिले में इस योजना के अद्भुत परिणामों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री ने बाकी जिलों के कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों सीएमएचओ से इसे व्यापक स्तर पर लागू करने की अपील की है।
उनका कहना था गरीब और जरूरतमंदों को एयर एंबुलेंस के जरिए समय पर चिकित्सा सुविधा देना सरकार की प्राथमिकता है। यह हमारी संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जब भी कोई बीमार गरीब या बुजुर्ग व्यक्ति ऐसी स्थिति में होता है, जहां तत्काल बड़े शहर के अस्पताल में ले जाने की जरूरत होती है, तो सरकार एयर एंबुलेंस की व्यवस्था कर उसे समय पर चिकित्सा सुविधा दिलाती है। यह सेवा मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहल पर शुरू हुई और आज गरीब वर्ग के लिए जीवन रक्षक सिद्ध हो रही है।
एयर एंबुलेंस सेवा के साथ-साथ सरकार ने गरीबों के लिए पाँच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की है। आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं ने लाखों परिवारों को आर्थिक रूप से राहत दी है। इसके अतिरिक्त, 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए भी विशेष चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की गई हैं। रीवा जिले ने इस योजना को जिस तरह से अपनाया है, वह प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक मिसाल है। यहां एयर एंबुलेंस सेवा ने कई जिंदगियां बचाई हैं और एक नई उम्मीद जगाई है। उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि अन्य जिलों के अधिकारी भी इस योजना को पूरी गंभीरता से लागू करें।