
मऊगंज की राजनीति इन दिनों गर्म है, और इसकी वजह बने हैं मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल। अपने अजीबोगरीब कृत्यों और भेष बदलने की राजनीति के लिए चर्चित विधायक अब देवतालाब के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के निशाने पर आ गए हैं। गिरीश गौतम ने मऊगंज विधायक की हालिया गतिविधियों पर सधी लेकिन तीखी प्रतिक्रिया देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पिछले कुछ दिनों में मऊगंज विधायक का व्यवहार किसी रहस्यमय पटकथा से कम नहीं रहा। राजनीतिक मंच छोड़कर उन्होंने धार्मिक और सांप्रदायिक मामलों में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी है।
बीते 17 जनवरी को, जब एक ‘लव जिहाद’ के मामले में पुलिस पहले ही कार्रवाई कर चुकी थी, तब भी विधायक ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की। सीतापुर में पहुंचे विधायक ने पहले स्थानीय लोगों को उकसाया, फिर रात के अंधेरे में मऊगंज कलेक्ट्रेट में कलेक्टर और एसपी पर दबाव बनाकर लौर थाना प्रभारी को निलंबित करवा दिया। पुलिस और प्रशासन पहले ही उनकी महादेवन मंदिर की नौटंकी से परेशान था, और अब यह नई घटना उनकी ‘कट्टर हिंदू छवि’ बनाने की राजनीति के इरादे उजागर कर रही है। देवतालाब के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम, जो हमेशा अपनी सादगी और न्यायप्रिय छवि के लिए जाने जाते हैं,
मऊगंज विधायक की इस दखलंदाजी पर खुलकर नाराजगी जताई। मीडिया से बात करते हुए गिरीश गौतम ने तंज कसा की शायद मऊगंज विधायक को लगता है कि वे मुख्यमंत्री बन गए हैं। मऊगंज में अब सब कुछ ठीक हो चुका है, इसलिए वे देवतालाब में राजनीति करने चले आए हैं। गिरीश गौतम ने यह भी कहा कि उनकी विधानसभा क्षेत्र की जनता से उनका गहरा जुड़ाव है और किसी बाहरी व्यक्ति को यहां कानून-व्यवस्था में दखल देने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने मऊगंज विधायक के अनुचित कृत्यों पर सवाल उठाते हुए कहा, जो लोग छल-कपट और प्रपंच की राजनीति करते हैं, वे जनता का भला नहीं कर सकते। मऊगंज विधायक की गतिविधियों ने न सिर्फ प्रशासन को बल्कि राजनीति में उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, गिरीश गौतम का बेबाक बयान यह साफ करता है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनुचित राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक खींचतान का अंजाम क्या होता है और किसे इसका फायदा या नुकसान होगा