मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आगामी परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों की ठीक ढंग से तैयारी कराएं। जहाँ आवश्यक हो वहाँ ठण्ड के कारण स्कूल के समय में परिवर्तन करें। कलेक्टर तथा अन्य अधिकारी छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करके आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। नर्मदा नदी की परिक्रमा करने वाले व्यक्तियों के लिए परिक्रमा मार्ग में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। आगामी बसंत पंचमी को सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करें। इनमें कल्याणी बहनों तथा परित्यक्ता बहनों के भी विवाह कराएं। धान उपार्जन के संबंध में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में 13 जनवरी तक वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है। उपार्जित धान का तत्काल परिवहन कराकर सुरक्षित भण्डारण कराएं। किसानों को तीन दिन की समय सीमा में भुगतान दें।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 5 लाख 67 हजार किसानों से 36.89 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। किसानों को 5287 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। इस वर्ष उपार्जन के लिए गेंहू के समर्थन मूल्य में 150 रुपए की वृद्धि की गई है। किसानों से 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेंहू का उपार्जन किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष से कमिश्नर बीएस जामोद, डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी तथा कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवड़े, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप है। वृद्धाश्रम, रैनबसेरा तथा सार्वजनिक स्थलों में अलाव सहित ठण्ड से बचाव के उचित उपाय करें। कृषि विभाग किसानों को खेती की देखभाल तथा पाले से बचाव के संबंध में जागरूक करे। राजस्व महाभियान में पूरे प्रदेश में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। अभियान के दौरान गांव में रास्ते के विवाद जैसे छोटे-छोटे मसले सुलझाएं। इस वर्ष किसानों को गत वर्ष की तुलना में खाद की आपूर्ति की गई है। प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। इसका समुचित वितरण सुनिश्चित करें। प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों के प्रकरण तत्काल स्वीकृत करके राहत राशि का समय पर वितरण कराएं।