HMP वायरस अलर्ट: डिप्टी सीएम का बयान, स्वास्थ्य विभाग सतर्क, महाकुंभ की तैयारियों पर विशेष ध्यान
देशभर में स्वास्थ्य संकट की आहट के बीच एमपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने HMP वायरस को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की ओर से राज्यों को जारी एडवाइजरी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “किसी भी प्रकार के पैनिक की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है और कोविड के दौरान विकसित की गई सुविधाओं को पुनः सक्रिय किया जा रहा है। HMP वायरस को लेकर लोगों के बीच चिंता का माहौल है, लेकिन डिप्टी सीएम ने भरोसा दिलाया कि सरकार हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। “कोविड महामारी के दौरान जितने भी आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, और ICU यूनिट्स तैयार किए गए थे, वे सभी सक्रिय स्थिति में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और प्रबंधन के चलते पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई थी, जिससे हमारी तैयारी मजबूत है,” उन्होंने कहा। HMP वायरस के बीच प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले पर भी विशेष फोकस है। इसे भारत की संस्कृति और सनातन परंपरा का जीवंत प्रस्तुतिकरण माना जा रहा है। डिप्टी सीएम ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। इस बार का आयोजन ऐतिहासिक और अभूतपूर्व होगा। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि वायरस का कोई प्रभाव न पड़े। महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। आइसोलेशन वार्ड्स और मेडिकल टीम्स को प्रयागराज में तैनात किया जा रहा है। साथ ही, वायरस की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से लोगों से संयम और सतर्कता बनाए रखने की अपील की गई है। “हमारे पास पर्याप्त संसाधन और रणनीति है। महाकुंभ जैसे आयोजन के दौरान सरकार और स्वास्थ्य विभाग चौकसी में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें,” डिप्टी सीएम ने कहा। HMP वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार की तैयारियों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए राज्य और केंद्र सरकार का संयुक्त प्रयास जारी है। अब यह देखना होगा कि क्या यह योजनाएं महामारी से बचाव के लिए पर्याप्त साबित होंगी। वायरस की संभावित चुनौती और महाकुंभ के भव्य आयोजन के बीच राज्य सरकार की हर रणनीति पर देशभर के लोग नजर रख रहे हैं। यह समय सिर्फ पैनिक से बचने का नहीं, बल्कि सतर्कता और अनुशासन दिखाने का है। सरकार के प्रयासों के साथ आम जनता की सहभागिता इस संकट से निपटने में अहम भूमिका निभाएगी।