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घर बनाते समय कोई न कोई कमी रह जाती है और यही कमियां वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं, लेकिन इसे बिना पैसा खर्च किए सुधार सकते हैं। घर में कुछ विशेष काम अवश्य करें।
- वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. ऐसा करने से चारों ओर से आ रही नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा वास्तुदोष भी हटता है. हर मंगलवार को यह उपाय करने से मंगल ग्रह से जुड़े दोष भी समाप्त होते हैं.
- रसोई को घर की समृध्दि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण समझा जाता है। रसोई के लिए वास्तु के सिद्धांतों के तहत, आग्नेय कोण अर्थात् दक्षिण-पूर्व दिशा को सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है. यदि किचन गलत स्थान पर है तो अग्निक कोण में एक बल्ब लगाएं और प्रतिदिन सावधानी से उसे जलाएं। इससे आपके घर का वास्तु दोष समाप्त हो जाएगा।
- घर में घोड़े की नाल लटकाना बहुत अच्छा माना जाता है। काले घोड़े की नाल को मुख्य दरवाजे पर लगाने से सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। याद रखें, घोड़े की नाल अपने आप जमीन पर पड़ी होनी चाहिए। या फिर आपके सामने घोड़े के पैर से खींची गई होनी चाहिए.
- घर में वास्तु दोष है तो घर के उत्तर-पूर्व कोने में कलश रखना सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है. ध्यान रहे कि कलश कहीं से भी खंडित नहीं होना चाहिए. घर में कलश की स्थापना के बाद सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं.
- घर के उत्तर-पूर्व कोने को ईशान कोण कहते हैं, जो जल तत्व को दर्शाता है, जबकि उत्तर-पश्चिम दिशा को वायव्य कोण कहा जाता है, जो वायु तत्व को दर्शाता है। दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि कोण कहा जाता है, जो अग्नि तत्व का प्रतीक है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने घर के उत्तर-पूर्व कोने में एक्वेरियम रखते हैं, तो यह घर के लिए लाभदायक होता है। एक्वेरियम में मछलियाँ धन को अपनी ओर खींचती हैं।
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