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शुक्रवार सुबह अजमेर हाईवे पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने एक भयानक हादसा हुआ। एक एलपीजी गैस से भरे टैंकर में विस्फोट हो गया, जिसमें 7 लोग जिंदा जल गए और 35 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के बाद पूरा इलाका दहशत में आ गया। यह हादसा तब हुआ जब टैंकर को एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी।
घटना का विवरण
सुबह करीब 5:44 बजे, अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा टैंकर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने यू-टर्न ले रहा था। इस दौरान जयपुर की तरफ से आ रहे एक ट्रक ने टैंकर को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि टैंकर से एलपीजी गैस का रिसाव शुरू हो गया। गैस 200 मीटर दूर तक फैल गई और अचानक आग की लपटों ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पूरा इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया।
तबाही का मंजर
हादसे में 40 से ज्यादा गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। इनमें से कई गाड़ियां ऐसी थीं जिनमें सवार लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। टैंकर के पीछे चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे के किनारे स्थित एक पाइप फैक्ट्री भी आग की चपेट में आ गई। हादसे की वजह से अजमेर हाईवे को बंद कर दिया गया, जिससे यातायात बाधित हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं
हादसे के तुरंत बाद 30 से ज्यादा एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। हालांकि, इलाके में फैली गैस की वजह से राहत और बचाव कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गेल इंडिया लिमिटेड के डीजीएम (फायर एंड सेफ्टी) सुशांत कुमार सिंह ने बताया कि घटनास्थल से 100 मीटर की दूरी पर गेल की पाइप लाइन गुजर रही थी। यहां बीपीसीएल का एलपीजी से भरा टैंकर जा रहा था, जिसे लोडेड कंटेनर ने टक्कर मारी। टक्कर के कारण लिक्विड रूप में एलपीजी का रिसाव हुआ और स्पार्क से आग लग गई।
मृतकों और घायलों की स्थिति
एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्युरी में अब तक 7 शव लाए गए हैं। इनमें एक महिला और दो पुरुष की पहचान नहीं हो पाई है। एक अज्ञात शव को पॉलिथीन में लाया गया है। हरलाल पुत्र नानूराम, ग्राम राजपुरा (सीकर) और शहाबुद्दीन पुत्र मोहम्मद, रायबरेली (यूपी) के रूप में दो मृतकों की पहचान हुई है। 35 घायल लोगों को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
प्रशासनिक कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और अन्य मंत्रियों ने घटनास्थल का दौरा किया। अधिकारियों ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
निष्कर्ष
यह हादसा सुरक्षा मानकों की अनदेखी और भारी वाहनों के लापरवाह संचालन का नतीजा है। प्रशासन को चाहिए कि वह सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करे और ऐसे खतरनाक हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। इस हादसे ने न केवल कई जिंदगियां छीन लीं, बल्कि हाईवे पर सफर करने वाले लोगों के मन में गहरी दहशत भी पैदा कर दी है।