मध्य प्रदेश के ज़िले रीवा के एक गांव में हुई एक अनोखी घटना के चलते क्षेत्र में हड़कंप मच उठा है। सेमरिया के खड्डा गांव में एक बोरवेल से पानी के बजाय अचानक आग की लपटें निकलने लगीं, जिसे देखकर ग्रामीणों को हैरानी हुई। यह घटना गांव के निवासी गिरीश शुक्ला के खेत में हुई, जहां उन्होंने सिंचाई हेतु बोरवेल बनवाया था। आग की लपटें लगभग 10-15 फीट ऊँची थीं, जिसे देखने के लिए ग्रामवासी गिरीश के खेत में इकट्ठा हो गए। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है।
खेत के मालिक ने बताया कि बोरवेल से शुरुआत में अच्छी गुणवत्ता का पानी मिल रहा था, लेकिन बाद में अचानक आग निकलने लगी। इस घटना को तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया, जो अब इसकी जांच कर रहा है। फिलहाल बोरवेल से आग निकलने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है और अधिकारी इसकी जड़ तक पहुँचने की कोशिश में हैं। हालांकि, विंध्य वन क्षेत्र में इन जिलों में ऐसी घटनाएँ सामान्य मानी जाती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के दमोह, सागर, विदिशा, कटनी, रीवा और सतना जिलों में 200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में लगभग 500 से 600 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानों में दरारें और रिसाव का पता चला है, जिससे प्राकृतिक गैस का उत्सर्जन हो रहा है। इसके अतिरिक्त, एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि विंध्यन नामक प्राचीन चट्टान की परत इन क्षेत्रों में डेक्कन ट्रैप नामक छोटी चट्टान की परत से ढकी हुई है। जब डेक्कन ट्रैप चट्टानों में ड्रिलिंग की जाती है, तो कभी-कभी यह नीचे की विंध्यन चट्टानों में दरारें पैदा करती है, जिससे प्राकृतिक गैस बाहर निकलने लगती है और आग लगने का खतरा होता है। इस विषय पर अनुसंधान अभी भी जारी है।
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