यह भी पढ़ें – https://mpdastak.com/tata-group-will-invest-rs-550-crore-in-noida-airport-know-what-is-the-plan/
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ‘अपने ग्राहक को जानें’ (Know Your Customer यानी KYC) की नीतियों में परिवर्तन किया है। केंद्रीय बैंक ने KYC से संबंधित 6 नीतियों को संशोधित किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं।
इस विषय में केन्द्रीय बैंक ने एक सर्कुलर भी निकाला है। यह उपाय मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के लिए किया गया है। मास्टर निर्देशों में बदलाव किया गया है। इसमें बताया गया है कि अगर किसी आरई का मौजूदा KYC ग्राहक दूसरा खाता खोलना चाहता है या उससे कोई और प्रोडक्ट या सर्विस लेना चाहता है, तो ग्राहक की पहचान के लिए नई CDD की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आरबीआई ने कहा, “जब भी कोई आरई किसी ग्राहक से अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करता है, तो वह सात दिनों के भीतर या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समय सीमा के भीतर CKYCR को जानकारी प्रदान करेगा, जिससे CKYCR में मौजूदा ग्राहक के KYC रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके।”
क्या होता है KYC
KYC का अर्थ Know Your Customer है। यह एक ग्राहक पहचान प्रक्रिया का एक रूप है। इस प्रक्रिया में ग्राहक फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और वोटर कार्ड की फोटोकॉपी जमा करते हैं। सभी कंपनियाँ ग्राहक से संबंधित जानकारी इस माध्यम से इकट्ठा करती हैं ताकि किसी घटना के समय उस व्यक्ति की पहचान की जा सके। KYC प्रक्रिया सामान्यतः बैंक या सर्विस प्रोवाइडर द्वारा इस उद्देश्य से की जाती है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहक किसी आतंकवादी फंडिंग या अन्य अवैध गतिविधियों में सम्मिलित नहीं है।
यह भी देखें – https://youtu.be/iOdJy9vCgTM