
रीवा के बोदा बाग स्थित ज्योति किण्डर गार्डन विद्यालय में पांच वर्षीय एलकेजी के छात्र के साथ हुई एक घटना ने पूरे शहर में सनसनी मचा दी है। बच्चा जब क्लासरूम में नित्य क्रिया कर बैठा, तो उसके साथ की गई अमानवीय व्यवहार की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और विद्यालय प्रशासन के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं। बताया जा रहा है कि जब बच्चा गलती से क्लासरूम में नित्य क्रिया कर बैठा, तो क्लास टीचर ने उसे डांटना शुरू कर दिया। इसके बाद स्कूल की आया, अपने साथ वाशरूम ले जाकर उसके कपड़े उतरवाए और बच्चे से ही गंदे कपड़े साफ करने को कहा। इसके अलावा, गीले जूते और मोजे पहनाकर, बच्चे को ठंडे मौसम में एक पतला कपड़ा लपेट दिया गया, जिससे बच्चा ठंड से परेशान हो उठा।
जबकि उसके कपड़े और बैग वहां फेंक दिए गए थे। जब बच्चे के अभिभावकों को यह घटना पता चली, तो उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र लिखा और इस अमानवीय घटना की जांच की मांग की। इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि यह घटना पूरी तरह से अनैतिक और अनुशासनहीन थी। स्कूल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि आया की इस घटना में पूरी तरह से गलती थी और उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि “हमारे विद्यालय की प्रतिष्ठा और बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है, और इस तरह की घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जांच के बाद यह पाया गया कि आया का व्यवहार ठीक नहीं था, तो उसे निष्कासित भी किया जाएगा। इस घटना ने सिर्फ अभिभावकों को ही नहीं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी चिंतित कर दिया। अभिभावक द्वारा भेजे गए पत्र के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्रशासन से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ज्योति किण्डर गार्डन स्कूल में एक 5 वर्षीय बच्चे के साथ हुए अमानवीय कृत्य ने अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का ध्यान खींच लिया है।
इस मामले पर बाल आयोग ने त्वरित संज्ञान लिया है और रीवा कलेक्टर को पत्र लिखकर 10 दिनों के भीतर इस घटना की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। आयोग ने स्कूल में बच्चे के साथ हुए क्रूर व्यवहार पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे “गंभीर मामला” बताया है। रिपोर्टों के मुताबिक, बच्चे को सर्दी में न केवल कपड़े धुलवाए गए, बल्कि उसे अपमानजनक स्थिति में भी डाला गया। इस घटना को लेकर बाल आयोग ने खुद को पूरी तरह से अपारदर्शी और अमानवीय व्यवहार के खिलाफ खड़ा किया है। इसके अलावा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस मुद्दे को लेकर स्कूल के बाहर धरना भी दिया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और स्कूल प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की