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रीवा का किला एक ऐतिहासिक स्थल है। यह रीवा में मुख्य पर्यटक के रूप मे मध्य प्रदेश के रीवा शहर में स्थित है। यह किला बीहर और बिछिया नदी के किनारे पर बना हुआ है। किले से इन दोनों नदियों का दृश्य बहुत ही लुभावना नजर आता है। रीवा का किला राजवंश की शान मे सँजो कर रखा है इस किले के अंदर म्यूजियम बना हुआ है|
जहा प्रवेश के लिए टिकट लगता है। जो की पुरानी अमानतों को याद के तौर पर सँजो कर रखा हुआ है | इस म्यूजियम में रीवा राजघराने की बहुत सारी पुरानी वस्तुओं का संग्रह रखा गया है। किले के अंदर स्थित संग्रहालय को बघेल संग्रहालय कहा जाता है। आप सब इन वस्तुओं को देख सकते हैं।
किले के अंदर मध्य में महाराजा गुलाब सिंह की मूर्ति बिराजमान है| किला इतिहास से भरा हुआ है यहाँ बहुत सारे पुराने प्रसिद्ध मंदिर हैं। जहा दो प्रमुख मंदिर है एक मंदिर राधा कृष्ण जी को समर्पित है और दूसरा मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है।
रीवा किला परिसर स्थित महामृत्युंजय मंदिर में स्वयं भू महामृत्युंजय विराजते हैं। यह मंदिर शायद दुनिया का इकलौता मंदिर है, जहां 1001 छिद्र वाला शिवलिंग है, जो अलौकिक शक्ति देने वाला है। शिवलिंग की बनावट बिलकुल भिन्न है। भक्तों का मानना है की महामृत्युंजयज के दर्शन करने से लोगों की अकाल मृत्यु दूर होती है|
यहां पर मकर संक्रांति के समय विशाल मेला लगता है। मंदिर के निर्माण और मूर्ति स्थापना का कोई लिखित इतिहास नहीं है, लेकिन महामृत्युंजय मंत्र का नाम कई ग्रंथ और पुराणों में मिलता है. महामृत्युंजय मंदिर के मेले में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। यह मंदिर बहुत खूबसूरत और प्राचीन है। जो की रीवा की धरोहर, किले की शान मे चार चंद लगा देता है |
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