
रीवा केंद्रीय जेल का दर्द. “कब सुनेगी सरकार”. इस जेल में भूसे के तरह भरे है कैदी. यहां क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या.रीवा| देश भर मेंजहां एक तरफ जेलो को उन्नत और बेहतर बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ एक तस्वीर रीवा के केंद्रीय जेल की है जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. केंद्रीय जेल रीवा के उप जेल अधीक्षक योगेंद्र पावर के मुताबिक इस जेल के अंदर कैदियों की रख रखाव की क्षमता 886 है. लेकिन इस जेल के अंदर 2453 कैदी वर्तमान में कैद है. मतलब साफ है कि 886 की क्षमता वाले जेल में 2425 कैदियों को ठूस ठूस कर भरे गए है. एक तरफ जहां 145 साल पुरानी सेंट्रल जेल ग्वालियर में सरकार ने कैदियों को शिफ्टिंग करने का प्लान बना लिया है वही रीवा का 1856 में स्थापित केंद्रीय जेल अपनी दर्द से कर रहा है लेकिन ईश्वर किसी का ध्यान नहीं गया और ना ही किसी ने इसके हित में कोई पहल उठाया है…
जेल के अंदर भारी भीड़ होने के चलते आए दिन कैदियों के बीच आपस में कहा सुनी होती है कारण यह है कि कई गंभीर धाराओं के अपराध में आरोपित बदमाश जेल के अंदर कैद है.. और उन्हें आरोपियों के बीच बेचारा दिन बंदी सिविल बंदी साधारण बंदी एवं रासुका बंदी जैसे कई कैदी शामिल है जिनकी कभी-कभी आपस में टकराव और कहा सुनी होती है हालांकि जेल के अंदर पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा बीच बचाव कर उनके बीच सुलह कराया जाता है लेकिन यह कब तक चलता रहेगा क्योंकि जिस जेल की क्षमता 886 हो और जेल के अंदर 2453 कैदी रह रहे हैं। उस जेल की हालत क्या होगी आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं अब देखना यह होगा कि आखिरकार रीवा की केंद्रीय जेल का दर्द किस समझ में आता है और कब इस और ध्यान दिया जाएगावहीं रीवा के केंद्रीय जेल में पदस्थ उप जेल अधीक्षक योगेंद्र पवार का कहना है की हमारे जेल की क्षमता 886 कैदियों की रखने की लेकिन हमारी जेल के अंदर 2543 कैदी रह रहे हैं जिनमें महिलाएं पुरुष समेत बच्चे शामिल कभी कभी मारपीट होती है जो सामान्य बात रह चुकी है..